मानहानि केस करने का खर्च कितना होता है और इसमें कितने रूपए तक का मुआबजा मिलता है ?

 मानहानि केस करने का खर्च कितना होता है और इसमें कितने रूपए तक का मुआबजा मिलता है ?

मेरे प्रिय पाठकों आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप किसी व्यक्ति से अपनी ख्याति के नुक्सान की भरपाई हेतु मुवावजा वसूल करने के लिए मानहानि का मुकदमा कर सकते है और इसमें कितना खर्च आता है तथा क्षतिपूर्ति के रूप में कितना पैसा आपको मिल सकता है।

तो अब एक उदाहरण के रूप में हम कोरा पर मौजूद "प्रश्न सिंह जी" जो कि कोरा पार्टनर प्रोग्राम से जुड़े है और यहां सवाल पूछकर महीने का 10 लाख रुपया कमाते है उनको ले लेते है।

प्रश्न सिंह जी के खिलाफ जवाब चंद ने लिखकर आरोप लगाया कि प्रश्न सिंह जी अश्लील और भद्दे सवाल पूछते है इसलिए इनके सवालों के जवाब किसी भी लेखक को नही देने चाहिए।

प्रश्न सिंह जी के ऊपर लगे निराधार आरोपो के कारण प्रश्न जी की ख्याति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा जिस कारण से उनके सवालों पर जवाब आने कम हो गए और उनकी कमाई जो पहले 10 लाख महीना थी अब घटकर 1 लाख महीना ही रह गई।

अब क्योंकि प्रश्न सिंह जी को आर्थिक नुक्सान भी हुआ और उनके मान की हानि भी हुई, और इस सब की वजह थी जवाब चंद के द्वारा लगाए गए झूठे और मनगढंत आरोप।

तो अब प्रश्न सिंह जी, जवाब चंद के खिलाफ सीधा आपराधिक न्यायालय में केस करके अपनी मानहानि के लिए दंड दिलवाने के लिए मुकदमा कर सकते है और इस मुकदमे में जवाब चंद को 2 साल की जेल तथा जुर्माना हो सकता है।

आपराधिक केस में जवाब चंद को सज़ा तो मिल जायेगी परंतु प्रश्न सिंह जी को हुए 9 लाख महीने के नुक्सान की भरपाई नही होगी।

अब प्रश्न सिंह जी अपने नुक्सान की भरपाई के लिए सिविल मानहानि का मुकदमा दीवानी न्यायालय में करेंगे।

दीवानी न्यायालय द्वारा सज़ा नही होती केवल क्षतिपूर्ति दी जाती है।

अब आप समझ गए होंगे कि मानहानि के मामलों में यदि आप सज़ा करवाना चाहते है तो आप सिर्फ आपराधिक मुकदमा अंतर्गत धारा 499 आईपीसी कर सकते है या आप मुवावजा लेना चाहते है तो आपको सिविल केस करना होगा।

आप उपरोक्त दोनो या कोई एक केस भी मानहानि होने पर कर सकते है।

अब सवाल आता है कि आखिर प्रश्न सिंह जी को कितना पैसा खर्च करना पड़ेगा और उनको कितना मुवावजा या क्षतिपूर्ति मिल सकती है जवाब चंद की जेब से ?

अब कोर्ट में खर्च कितना आएगा ये निर्भर करता है कि आपको कितने रुपये का नुक्सान हुआ है, क्योंकि कोर्ट खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने रुपये रुपये का दावा करते है अपनी क्षतिपूर्ति के लिए।

तो अब प्रश्न सिंह जी ने हिसाब लगाया और देखा कि 10 महीने पहले जब जवाब चंद ने उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए थे तब से उनकी कमाई 10 लाख से घटकर 1 लाख हो गई थी।

तो 10 माह में 9 लाख प्रतिमाह के हिसाब से 90 लाख का सीधा नुक्सान तो एक हुआ प्रश्न सिंह जी को, साथ ही वो इस दौरान तरक्की नही कर पाए उसका उन्होंने 5 लाख और नुक्सान उठाया।

साथ ही कोर्ट खर्च के रूप में उनको ढाई लाख और खर्च करने पड़े, तथा ढाई लाख उन्होंने मानसिक क्षति के रूप में मांगने चाहे।

तो सब मिलाकर प्रश्न सिंह जी को 1 करोड़ रुपये का नुक्सान हुआ।

उपरोक्त तरीके से ही हर नुक्सान उठाने वाले को अपना नुक्सान साबित करना होता है, तभी कोर्ट क्षतिपूर्ति के रूप में मुवावजा आरोपी से दिलवाती है।

तो साहब अब प्रश्न सिंह जी को क्योंकि 1 करोड़ का नुक्सान हुआ है तो वो एक करोड़ का मानहानि का सिविल दावा जवाब चंद जी के खिलाफ करने नवीन धर जी एडवोकेट के पास जा पहुंचे।

अब नवीन जी क्योंकि अपनी माँ की नज़रो में एक बड़े वकील है तो उनकी फीस तो अधिक होगी ही🙈😂

अब आप सोचेंगे कि फिर भी क्या फीस होगी ?…तो आपको बता दे कि वकील की फीस उसकी काबलियत और मेहनत के अनुसार तय होती है तथा क्लाइंट की जेब पर भी निर्भर करता है कि वकील क्या फीस लेंगे।

इसलिये नवीन जी या किसी अन्य वकील की फीस को हटाकर देखे तो कोर्ट सिविल मामलों में आपको इंसाफ देने के बदले पैसे लेता है जिसको कोर्ट फीस कहते है।

तो प्रश्न सिंह जी क्योंकि 1 करोड़ का दावा करना चाहते है और यदि वो महाराष्ट्र से हो तो महाराष्ट्र में मानहानि के केसेस की कोर्ट फीस दावे की कुल रकम की 2 फीसदी होती है।

यानी यदि एक करोड़ का दावा प्रश्न सिंह जी करना चाहते है तो उनको एक करोड़ का दो प्रतिशत यानी 2 लाख रुपये कोर्ट फीस के रूप में अदालत में जमा करवाना होगा तभी वो एक करोड़ का दावा कर सकते है।

अब दो लाख कोर्ट फीस के साथ आप वकील की फीस जोड़ेंगे तो वो आपका केस का कुल खर्चा होगा।

मुवावजा कितना मिलेगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपना कितना नुक्सान साबित कर पाते है। आपके सिर्फ कह देने से नही सबूत होने पर अदालत मानती है कि आपको नुक्सान हुआ है और उसी के हिसाब से आपको क्षतिपूर्ति मिलती है।

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